विभाग | उद्यानिकी एंव खाद्य प्रसंस्करण विभाग |
योजना का नाम | फल पौध रोपण योजना |
हितग्राही मूलक है या नही | हाँ |
अधिकार क्षेत्र | राज्य प्रवर्तित योजना |
योजना कब से प्रारंभ की गयी | 01-04-1999 |
योजना का उद्येश्य | इस योजना का उद्दयेश्य जिले के फल पौध क्षेत्र में विस्तार एवं फल उत्पादन में वृद्धि करना है। यह योजना प्रदेश के सभी 52 जिलों में क्रियान्वित है। |
लाभार्थी के लिए आवश्यक शर्ते / लाभार्थी चयन प्रक्रिया | 1. योजना का क्रियान्वयन कृषक की निजी भूमि में किया जावेगा।
2. हितग्राही के पास सिंचाई के पर्याप्त साधन उपलब्ध होना चाहिए।
3. हितग्राही कृषक की रुचि रोपित किये जाने वाले फलों में होनी चाहिए।
4.कृषक के पास कम से कम 0.25 हेक्टेयर और अधिकतम 4 हेक्टेयर तक स्वयं की भूमि होना चाहिए । |
लाभार्थी वर्ग | भूमिधारी कृषकों |
लाभार्थी का प्रकार | किसान |
लाभ की श्रेणी | अनुदान |
योजना का क्षेत्र | Urban and Rural |
आवेदन/संपर्क/पंजीयन/प्रशिक्षण कहाँ करें | MPFSTS पोर्टल पर |
पदभिहित अधिकारी | जिला कार्यालय, उद्यानिकी एव खाद्य प्रसंस्करण विभाग |
समय सीमा | वित्तीय वर्ष 2022-23 |
आवेदन प्रक्रिया | जिले के उप/सहायक संचालक उद्यान, विकासखण्ड़ स्तर पर वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी एवं ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी को आवेदन दिया जाना है | |
आवेदन शुल्क | Nill |
अपील | जिला स्तर पर |
अनुदान /ऋण /वित्तीय सहायता /पेंशन/लाभ की राशि | जिले हेतु अनुशंंसित फल हेतु चयनित हितग्राही को कम से कम 0.25 हेक्टेयर और अधिकतम 4 हेक्टेयर की सीमा तक एक बार में अथवा खण्ड़-खण्ड़ में फल पौध रोपण पर अनुदान की पात्रता होगी । |
हितग्राहियों को राशि के भुगतान की प्रक्रिया / हितग्राहियों को ऋण एवं अनुदान की व्यवस्था /वित्तीय प्रावधान | कृषकों को इकाई लागत का 40 प्रतिशत अनुदान 60:20:20 के अनुपात में तीन वर्षों में देय है । |
ऑनलाइन आवेदन हेतु लिंक | MPFSTS ?????? |
अपडेट दिनांक | 11/3/2022 12:59:27 PM |