विभाग | किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग |
योजना का नाम | परंपरागत कृषि विकास योजना (पी.के.व्ही.वाय.) |
हितग्राही मूलक है या नही | हाँ |
अधिकार क्षेत्र | राज्य प्रवर्तित योजना |
योजना कब से प्रारंभ की गयी | 2015-16 |
योजना का उद्येश्य | इस योजना का उद्देश्य वर्तमान खेती में रासायनिक उवैरकों, खरपतवार नाशकों व कीटनाशकों के बढ्ते उपयोग के कारण भूमि एवं वातावरण में हानिकारक तत्वों की मात्रा में होने वाली वृद्धि को रोकना एवं जैविक उत्पादों के उत्पादन, प्रमाणीकरण और विपणन को प्रोत्साहन देना है। |
लाभार्थी के लिए आवश्यक शर्ते / लाभार्थी चयन प्रक्रिया | ऐसे सभी कृषक जिनके पास अपनी स्वयं की भूमि उपलब्ध है। |
लाभार्थी वर्ग | सभी के लिए |
लाभार्थी का प्रकार | किसान |
लाभ की श्रेणी | अनुदान ,प्रशिक्षण ,जागरूकता |
योजना का क्षेत्र | Urban and Rural |
आवेदन/संपर्क/पंजीयन/प्रशिक्षण कहाँ करें | परियोजना संचालक (आत्मा) |
पदभिहित अधिकारी | परियोजना संचालक (आत्मा) |
समय सीमा | फसल रबी / खरीफ के पूर्व |
आवेदन प्रक्रिया | गॉव के किसान गठित समूह के ग्रुप लीडर को आवेदन जमा करेगें, तदोपरांत ग्रुप लीडर पी.जी.एस. पोर्टल पर ग्रुप का पंजीयन करेगें। |
आवेदन शुल्क | निरंक |
अपील | परियोजना संचालक (आत्मा) |
अनुदान /ऋण /वित्तीय सहायता /पेंशन/लाभ की राशि | अनुदान |
हितग्राहियों को राशि के भुगतान की प्रक्रिया / हितग्राहियों को ऋण एवं अनुदान की व्यवस्था /वित्तीय प्रावधान | जैविक खेती करने हेतु शतप्रतिशत अनुदान की व्यवस्था कांइड / केश के रूप में। |
योजना से सम्बंधित दस्तावेज संलग्न करें | जमीन के दस्तावेज की छायाप्रति, पासबुक की छायाप्रति, आधार कार्ड, जैविक खेती अपनाने बावत शपथ पत्र |
अपडेट दिनांक | 10/20/2022 3:59:23 PM |