योजना की जानकारी

विभागकुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग
योजना का नामरेशम उद्योग का विकास कार्य
हितग्राही मूलक है या नहीहाँ
अधिकार क्षेत्रराज्य प्रवर्तित योजना
योजना कब से प्रारंभ की गयी1984
योजना का उद्येश्य01- शासकीय रेशम केन्‍द्रों पर हितग्राहियों को एक एकड क्षेत्र में मलबरी पौधरोपण के उपयोग से रोजगार उपलब्‍ध कराना। 02- उक्‍त पोधरोपण से ककून उत्‍पादन कर आय के स्रोत्र उपलब्‍ध कराना।
लाभार्थी के लिए आवश्यक शर्ते / लाभार्थी चयन प्रक्रियाशासकीय रेशम केन्‍द्र के समीपस्‍थ समस्‍त वर्ग एवं आय श्रेणी के इच्‍छुक हितग्राही योजना का लाभ प्राप्‍त कर सकते है।
लाभार्थी वर्गसभी के लिए
लाभार्थी का प्रकारकिसान
लाभ की श्रेणीरोजगार
योजना का क्षेत्रRural
आवेदन/संपर्क/पंजीयन/प्रशिक्षण कहाँ करेंशासकीय रेशम केन्‍द्र के आप-पास के इच्‍छुक कृषक। विभाग द्वारा स्‍थल/केन्‍द्र/जिला स्‍तर पर विभागीय गतिविधियों के संबंध में प्रशिक्षण दिया जाता है।
पदभिहित अधिकारीजिला रेशम अधिकारी
समय सीमाभूमि की उपलब्‍धता होने पर।
आवेदन प्रक्रियाशासकीय रेशम केन्‍द्र के ग्राम के स्‍थानीय हितग्राही का चयन रेशम केन्‍द्र के माध्‍यम से।
आवेदन शुल्कनि:शुल्‍क
अपीलरेशम संचालनालय
अनुदान /ऋण /वित्तीय सहायता /पेंशन/लाभ की राशि• कृमिपालन भवन • सिंचाई स्त्रोत एवं विद्युत व्यवस्था • कृमिपालन उपकरण • रियायती दरों पर स्वस्थ समूह • चौकी कृमिपालको को प्रति स्वस्थ समूह 10/- रूपये के मान से सामग्री एवं मजदूरी हेतु सहायक अनुदान दिया जाता है। • व्यस्क कृमिपालकों को प्रति स्वस्थ समूह 7/- रूपये के मान से सामग्री एवं मजदूरी हेतु सहायक अनुदान दिया जाता है।
हितग्राहियों को राशि के भुगतान की प्रक्रिया / हितग्राहियों को ऋण एवं अनुदान की व्यवस्था /वित्तीय प्रावधान 1. चाकी कृमिपालकों (हितग्राही) को मजदूरी का आनलइन भुगतान। 2. वयस्‍क कृमिपालकों (हितग्राही) द्वारा उत्‍पादित ककून शासकीय रीलिंग इकाई पर विक्रय करने पर फेडरेशन द्वारा आनलइन भुगतान किया जाता है।
योजना से सम्बंधित दस्तावेज संलग्न करेंवर्ष 2019-20 के हितग्राहियों को उनके कार्यों की किश्तों का लंबित भुगतान विशेष अभियान की समय सीमा में करना सुनिश्चित करें।
अपडेट दिनांक28-05-2025 15:59:39

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