लाभार्थी के लिए आवश्यक शर्ते / लाभार्थी चयन प्रक्रिया | • सोलर पंप के आवेदन हेतु निम्नलिखित नियम, शर्ते एवं दिशा-निर्देश का पालन होना अनिवार्य है :-
• 1. यह आवेदन कृषि भूमि की सिंचाई के लिए है। सोलर ऊर्जा आधारित जल पम्पिंग संयंत्र का उपयोग विहित कार्य (कृषि भूमि की सिंचाई) हेतु ही किया जायेगा।
• 2. योजना के लिये राज्यि के वे सभी कृषक पात्र होंगे, जिनके पास कृषि हेतु विद्युत कनेक्शगन नहीं है।
• 3. स्थाापित सोलर पम्पी संयंत्र की सुरक्षा एवं सामान्य रख-रखाव की जिम्मेनदारी हितग्राही कृषक की होगी।
• 4. स्थाापित सोलर पम्पी संयंत्र का विक्रय या हस्तांतरण नहीं किया जा सकता है।
• 5. सोलर पम्प संयंत्र की स्था्पना के लिये आवेदक कृषक के पास सिंचाई का स्थाई स्त्रोत होना चाहिए एवं सोलर पम्प हेतु वांछित जल संग्रहण ढाँचे की आवश्यकता अनुसार व्यवस्था या उपयोग होना चाहिए।
• 6. सोलर पम्प संयंत्र की स्थागपना केन्द्रक सरकार व राज्यप सरकार द्वारा निर्धारित निर्देशानुसार/मापदण्ड अनुसार की जायेगी।
• 7. यदि सोलर पम्प स्थापना के उपरांत, उस पर किसी भी प्रकार की टूट-फूट या चोरी होती है तो, उसकी जिम्मेदारी हितग्राही कृषक की होगी। (तकनीकी खराबी को छोड़कर)
• 8. आवेदन-पत्र में सोलर पम्पिंग सिस्टम के प्रकार के अनुरूप दी गई डिस्चार्ज की जानकारी स्टेण्डर्ड टेस्टिंग कंडीशन्स के अनुरूप है। स्थापना स्थल पर सोलर ऊर्जा (Solar Radiation) की उपलब्धता तथा कंडीशन्सं के अनुरूप डिस्चार्ज कम या ज्यादा हो सकता है।
• 9. सोलर प्लेटों की स्थापना हेतु छाया रहित स्थान उपलब्ध कराने की पूर्ण जिम्मेदारी हितग्राही कृषक की होगी।
• 10. यदि सोलर पम्प स्थापना के उपरांत हितग्राही कृषक का रजिस्टेर्ड मोबाईल नम्बर परिवर्तित होता है तो, हितग्राही कृषक द्वारा इसकी जानकारी/सूचना मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम के जिला कार्यालय एवं स्थापित करने वाली इकाई को दी जानी होगी।
• 11. स्थापित सोलर पम्प को अन्यकत्र स्थानांतरित नहीं किया जा सकेगा।
• 12. स्थापपना के पश्चानत् बोर कोलेप्सत होने, वॉटर लेवल कम हो जाने की स्थिति में उसी खेत पर अन्य1त्र, जहाँ पम्पा के लिये समुचित वॉटर सोर्स उपलब्धस है, उस स्थाेन पर, हितग्राही कृषक के व्यंय पर सोलर पम्पय संयंत्र स्थानांतरित किया जा सकेगा।
• 13. सोलर प्लेटों की समय-समय पर सफाई करते रहने की जिम्मे।दारी हितग्राही कृषक की रहेगी।
• 14. निर्धारित राशि रू. 5,000/- ‘‘मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड, भोपाल’’ के पक्ष में ऑनलाईन भुगतान के साथ, अधिकृत पोर्टल पर ऑनलाईन आवेदन प्राप्त होना अनिवार्य है, अन्यथा आवेदन निरस्त किया जा सकता है।
• 15. चयन की सूचना मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड द्वारा दिये जाने पर, हितग्राही कृषक को शेष पूर्ण राशि NEFT/RTGS/CHEQUE/DD के माध्यम से नियत समयावधि में मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड भोपाल को भुगतान करनी होगी, तत्पधश्चा्त ही संयंत्र स्थाापित करने की कार्यवाही की जायेगी।
• 16. चयनित हितग्राही कृषक द्वारा समय-सीमा में शेष राशि जमा न करने पर अन्य (अगले) आवेदक/हितग्राही कृषक का चयन कर लिया जायेगा। बाद में, उक्त हितग्राही कृषक द्वारा शेष राशि जमा कराये जाने की स्थिति में, उनके आवेदन को, आवंटन (फंड एवं लक्ष्य्) की उपलब्ध ता अनुसार, स्वी्कृत किया जा सकेगा।
• 17. सोलर पम्प की स्थापना एवं संतोषप्रद प्रदर्शन/संचालन उपरांत समस्त संयंत्र हितग्राही कृषक को सौंप दिया जाएगा।
• 18. हितग्राही कृषकों द्वारा आवश्यकता पड़ने पर मुख्य रोड से साईट (जहाँ पर सोलर पम्प की स्थापना की जानी है) तक के ट्रान्सपोर्टेशन व स्थापना में सहयोग दिया जाना होगा।
• 19. केन्द्रह व राज्य् शासन से योजना हेतु राशि प्राप्त होने पर, हितग्राही कृषक से सम्पूिर्ण हितग्राही अंश की राशि प्राप्त होने के पश्चा्त् लगभग 90 दिवस में सोलर पम्पों की स्थापना का कार्य पूर्ण कर दिया जाएगा। विशेष परिस्थितियों में समयावधि बढ़ाई जा सकती है। स्थापना का कार्य पूर्ण करने में देरी होने पर म.प्र. ऊर्जा विकास निगम का किसी भी प्रकार का कोई भी दायित्व, जिम्मेदारी नहीं होगी और न ही आवेदक कृषक को इस हेतु कोई क्षतिपूर्ति की जायेगी।
• 20. सोलर पम्प स्थल उपयुक्त/चयन न होने पर पंजीयन राशी रू. 5,000/- निगम द्वारा आवेदक को वापिस की जायेगी। इस पर कोई ब्या ज का भुगतान देय नहीं होगा।
• 21. योग्य जल स्त्रोउत जैसे- कुँआ, बोर आदि प्रदान करने का दायित्व तथा उक्त स्त्रो त से जल की उपलब्धिता का दायित्वज हितग्राही कृषक का रहेगा। किसी भी परिस्थिति में बोर के क्षतिग्रस्त होने, कोलेप्स होने अथवा वॉटर लेवल नीचे चले जाने स्थिति में या बोर से सम्बन्धित अन्य कारणों से पम्प संचालन में व्यव्धान होने पर, प्रदायकर्ता इकाई का कोई दायित्व निर्धारित नहीं होगा। बोर कोलेप्स होने की स्थिति में मोटर एवं पम्प निकालने की पूर्णतः जवाबदारी हितग्राही कृषक की होगी।
• 22. सोलर पम्पट संयंत्र में किसी भी प्रकार की टूट-फूट/चोरी या क्षतिग्रस्तत होने की स्थिति में, हितग्राही कृषक द्वारा, तीन दिवस में पुलिस में एफ.आई.आर. करनी होगी एवं स्थातपनाकर्ता इकाई एवं जिला कार्यालय को भी तत्काटल सूचित करना होगा, ताकि स्थारपनाकर्ता इकाई Insurance Claim हेतु आवश्यीक कार्यवाही कर सके। Insurance Company द्वारा मान्या होने पर ही टूट-फूट/ चोरी या क्षतिग्रस्तश हेतु संयंत्र में सुधार कार्य किया जाना मान्य् होगा।
• 23. योजनांतर्गत 5 एच.पी. तक केवल डी.सी. पम्प ही लगाए जायेंगे। अतः 5 एच.पी. ए.सी. पम्पों के लिए किए गए आवेदन स्वतः ही 5 एच.पी. डी.सी. पम्प में परिवर्तित हो जायेंगे।
• 24. सोलर पम्पग स्था पना के पश्चाात् किसी प्रकार का स्थ्ल परिवर्तन अथवा मीटर हेड परिवर्तन मान्यए नहीं होगा।
• 25. सोलर पम्पग स्था पित होने के पश्चाात्, पम्पस की आवश्यनकता/उपयोग न होने पर, हितग्राही कृषक द्वारा पैनलों को जमीन के समानान्त र रखा जाना होगा, जिससे आंधी, तूफान इत्याीदि से संयंत्र को नुकसान न पहुँचे।
• 26. ऋतु परिवर्तन के अनुसार, हितग्राही कृषक द्वारा, सोलर पैनलों की दिशा एवं कोण को दिशानुसार परिवर्तित करते रहना होगा, जिससे संयंत्र से अधिकतम डिस्चापर्ज प्राप्तो हो सके।
• 27. स्था पित सोलर पम्पज की फाउन्डे्शन के आस-पास स्वोयं हितग्राही कृषक द्वारा मिट्टी इत्यालदि डालते रहना होगा ताकि संयंत्र के पास पानी एकत्र न हो और फाउन्डेसशन की मजबूती बनी रहे।
• 28. पम्पं स्थानपना के उपरांत स्थापनाकर्ता इकाई से उनके कम्पपनी का मुख्यािलय का दूरभाष नम्ब2र, प्रदेश स्तनर का सर्विस सेन्टथर का दूरभाष नम्बार एवं जिला स्तोर के प्रतिनिधि का दूरभाष नम्ब2र अवश्य, प्राप्तत करें।
• 29. सोलर पम्प स्थाकपना के उपरांत किसी भी प्रकार की टूट-फूट, संयंत्र से किसी भी प्रकार की छेड-छाड (कन्ट्रो्लर को अथवा मोटर पम्पा सेट को सीधे ए.सी. पॉवर सप्लाीई से चलाने का प्रयास, संयंत्र की वायरिंग से छेडछाड आदि।) की अवस्थाट में खराब हुए अवयवों (Components) को ठीक करने/बदलने/संयंत्र का सुधार करने की जिम्मे दारी नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग/ म.प्र. ऊर्जा विकास निगम लि. तथा ठेकेदार इकाई की नहीं होगी। ऐसी अवस्थाव में संबंधित ठेकेदार इकाई से संयंत्र को पूर्णत: ठीक कराने, खराब हुए अवयव (Components) को बदलवाने का पूरा व्यंय हितग्राही को वहन करना होगा।
• 30. अपने स्तठर पर किसी अन्यब माध्याम से सोलर पम्पब संयंत्र की मरम्म त अथवा किसी अवयव के बदलने की स्थिति में संयंत्र की वारण्टीन स्वमत: समाप्तप मानी जायेगी।
• 31. किसी विवाद की स्थिति में न्यायालय भोपाल क्षेत्र होगा।
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