| विभाग | महिला एवं बाल विकास विभाग |
| योजना का नाम | घरेलु हिंसा की पीडिता के लिए सहायिता योजना |
| अधिकार क्षेत्र | राज्य प्रवर्तित योजना |
| योजना कब से प्रारंभ की गयी | 2022-01-22 |
| योजना का उद्येश्य | घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम 2005 महिलाओं को घरेलू हिंसा के विरूद्ध संरक्षण एवं सहायता का अधिकार देता है। जिनमें शारीरिक हिंसा, लैंगिक हिंसा, मौखिक हिंसा और भावनात्मक हिंसा, आर्थिक हिंसा इत्यादि सम्मिलित है। योजना अंतर्गत घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं /बालिकाओं को ऐसी हिंसा के कारण शारीरिक क्षति होने पर क्षतिपूर्ति के रूप में सहायता राशी दिये जाने का प्रावधान है। योजना संपूर्ण मध्यप्रदेश में लागू है। |
| लाभार्थी के लिए आवश्यक शर्ते / लाभार्थी चयन प्रक्रिया | घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं /बालिकाओं को ऐसी हिंसा के कारण शारीरिक क्षति होने पर सहायता राशी दिए जाने का प्रावधान है. |
| लाभार्थी वर्ग | पीडित महिला |
| लाभार्थी का प्रकार | महिला ,परित्यक्ता ,कन्या |
| लाभ की श्रेणी | वित्तीय सहायता /भत्ता |
| योजना का क्षेत्र | Urban and Rural |
| आवेदन/संपर्क/पंजीयन/प्रशिक्षण कहाँ करें | जिला कार्यालय, महिला एवं बाल विकास/संरक्षक अधिकारी (परियोजना अधिकारी) /वन स्टाॅप सेंटर/लोक सेवा केंद्र। |
| पदभिहित अधिकारी | जिला कार्यालय, महिला एवं बाल विकास |
| समय सीमा | 60 कार्य दिवस |
| आवेदन प्रक्रिया | घरेलू हिंसा के कारण पीड़िता के किसी अंग की स्थाई क्षति होने पर आर्थिक सहायता दी जायेगी इसके लिए , जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा आवेदन को योजना अंतर्गत गठित समिति के समक्ष प्रस्तुत कर निर्धारित समय-सीमा में प्रकरण का निराकरण करना होगा.
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| आवेदन शुल्क | निरंक |
| अपील | संभागीय आयुक्त |
| अनुदान /ऋण /वित्तीय सहायता /पेंशन/लाभ की राशि | शरीर के किसी भी अंग की स्थाई क्षति के परिणामस्वरूप 40 प्रतिशत से कम दिव्यांगता के लिए -2 लाख तक एवं शरीर के किसी भी अंग की स्थाई क्षति के परिणामस्वरूप 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता 4 लाख तक |